दास्तान ए आलम आरा 🤗
विनोद दुआ को बेटा हुआ,
उसकी बीवी को चाहिए थी बेटी,
दोनों में हुए एलान-ए-जंग,
पड़ोसी, रह गए दंग ,
की एक मर्द और औरत,
मैं हो सकता है इतना बैर अपने संग !!!😀
जीवन की जद्दोजहद मैं जीतन हुई,
संगेमरमर या कोयले की खानों की,
मर्द को सब याद रहता है,
मीठे पकवानों की 😂
तेरी अदा पर हम मर मिटने के लिए तैयार हुए,
आईने में देखा तो पता चला,
खुद से मोहब्बत हो गई 😀
विनोद दुआ को बेटा हुआ,
उसकी बीवी को चाहिए थी बेटी,
दोनों में हुए एलान-ए-जंग,
पड़ोसी, रह गए दंग ,
की एक मर्द और औरत,
मैं हो सकता है इतना बैर अपने संग !!!😀
जीवन की जद्दोजहद मैं जीतन हुई,
संगेमरमर या कोयले की खानों की,
मर्द को सब याद रहता है,
मीठे पकवानों की 😂
तेरी अदा पर हम मर मिटने के लिए तैयार हुए,
आईने में देखा तो पता चला,
खुद से मोहब्बत हो गई 😀
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